➤ हिमाचल चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने में लापरवाही पर 9 अधिकारी-कर्मचारी निलंबित किए
➤ 2 BDO को मिला शो कॉज नोटिस, जवाब मिलने के बाद होगी कार्रवाई
➤ 3577 पंचायतों में होने वाले चुनावों की तैयारी पर आयोग ने कड़ी निगरानी शुरू की
हिमाचल प्रदेश में आगामी पंचायत और नगर निकाय चुनावों की तैयारी के बीच वोटर लिस्ट तैयार करने में बरती गई लापरवाही ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। स्टेट इलेक्शन कमीशन ने 9 अधिकारियों और कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें 2 सब पंचायत इंस्पेक्टर और 7 पंचायत सचिव शामिल हैं।
कमीशन ने स्पष्ट किया है कि इन अधिकारियों ने आयोग के पूर्व आदेशों की अनुपालना नहीं की, जिसके तहत 20 से 26 सितंबर के बीच आयोजित ग्राम सभाओं में मतदाता सूची के ड्राफ्ट रोल को प्रस्तुत किया जाना था। इसका उद्देश्य था कि स्थानीय मतदाता अपने नाम, वार्ड और विवरण की सत्यता जांच सकें। लेकिन आदेशों की अनदेखी की गई, जिससे पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठ गए।
स्टेट इलेक्शन कमीशनर अनिल खाची ने कहा कि इन अधिकारियों के विरुद्ध विस्तृत जांच के आदेश दिए गए हैं और रिपोर्ट जल्द मांगी गई है। सस्पेंड किए गए सभी कर्मचारियों का मुख्यालय जिला पंचायत ऑफिस (DPO) में निर्धारित किया गया है।
इसी क्रम में दो ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर (BDO) — भरमौर के अभिषेक मित्तल (HAS) और निहरी के मनमोहन शर्मा — को भी शो कॉज नोटिस जारी किया गया है। आयोग ने इनसे जवाब तलब करते हुए कहा है कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं हुआ तो विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों के अनुसार, आयोग इस घटना को गंभीर लापरवाही के रूप में देख रहा है। चुनाव आयोग का कहना है कि वोटर लिस्ट का प्रारूप तैयार न होने से ग्राम सभा की पारदर्शिता प्रभावित हुई है। बिना ड्राफ्ट रोल के बैठकों के आयोजन से मतदाता अधिकारों पर असर पड़ा है।
स्टेट इलेक्शन कमीशन ने स्पष्ट किया है कि वह केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के आधार पर पंचायतों की सूची तैयार करता है। यह प्रक्रिया ग्राम सभाओं से शुरू होकर अंतिम प्रकाशन तक चलती है। पहले ड्राफ्ट रोल को जनता के अवलोकन हेतु रखा जाता है, ताकि लोग नाम जोड़ने या हटाने का सुझाव दे सकें।
इस बीच, राज्य में 3577 पंचायतों, 7 नगर निगम, 29 नगर परिषदों और 37 नगर पंचायतों में चुनाव दिसंबर 2025 में प्रस्तावित हैं। इन तैयारियों को लेकर आयोग सक्रिय है और लापरवाही पर अब जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जा रही है।
चुनाव से पहले आयोग ने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं कि मतदाता सूची का ड्राफ्ट संस्करण ग्राम सभा में सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया जाए और किसी भी स्तर पर चूक पाए जाने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।



